इंटरस्टेट माइग्रेशन एलायंस श्रमिकों के संघर्ष को वैसे जगहों से जहाँ से सबसे ज़्यादा मज़दूर बाहर काम करने जाते हैं और उनका गंतव्य क्षेत्र जहाँ वो सबसे ज़्यादा प्रवासित होकर पहुँचते हैं, को आपस में जोड़ता है। 2016 तक, जहाँ से सबसे ज़्यादा श्रमिकों का प्रवासन होता है और जहाँ सबसे ज़्यादा ये मज़दूर काम करने जाते हैं उन्हें मीग्रेंट्राइट सेंटर (एमआरसी) के नेटवर्क के माध्यम से जोड़ने, के लिए इंटरस्टेट माइग्रेशन अलायन्स ने गुड़गांव, हरियाणा, कटिहार, बिहार; रांची, झारखंड; और कानपुर, उत्तरप्रदेश में एमआरसी की स्थापना की है। एमआरसी के साथ उनके नोडल केंद्र के रूप में, इंटरस्टेट माइग्रेशन एलायंस गठबंधन भागीदारों के बीच आपस में सीख ने की सुविधा देता है; और स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर सहयोग से केवल प्रवास नीति और प्रथाओं के बारे में सूचित किया जाता है। यह एकीकृत ग्रामीण-शहरी दृष्टिकोण अनौपचारिक विकास, ग्रामीण विस्थापन, बढ़ते प्रवासन, शहरी गरीबी और अनौपचारिक श्रमिक क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों की बढ़ती भीड़ से जुड़े श्रमिकों के अधिकारों के दुरुपयोग को संबोधित करने के लिए एक अनूठा अवसर प्रदान करता है, क्योंकि खासकर कार्यस्थल पर उनके काम के अधिकारों का हनन की संभावना सबसे ज़्यादा होती है।